प्रवेश के नियम एवं निर्देश

पाठ्यक्रम

राष्ट्रीय व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद (N.C.V.T) रफी मार्ग, नई दिल्ली तथा निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय उ०प्र० गुरु गोविन्द सिंह मार्ग, बांसमंडी चौराहा, लखनऊ द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार इस संस्थान में प्रशिक्षण दिया जाता है।

प्रवेश के सम्बन्ध में सूचनायें

आवेदन-पत्र का मूल्य विवरण पत्रिका सहित रू 100/- है। आवेदन-पत्र पंजीकृत मंगाने के लिए 30.00 रू० का डाक टिकट लगा 10x23 सेमी० का लिफाफा एवं साधारण डाक से 5 रू० का टिकट लगा उपरोक्त साइज़ का लिफाफा एवं 100/- रू० का पोस्टल आर्डर जो कि प्रधानाचार्य पं० ठाकुर प्रसाद त्रिपाठी, आइ०टी०आइ० के नाम देय हो भेजकर प्राप्त किया जा सकता है।

आवेदन-पत्र किसी भी कार्य दिवस में 10 बजे से 5 बजे तक संस्थान से प्राप्त किए जा सकते है। प्रत्येक वर्ष के लिए आवेदन-पत्र प्राप्त करने की अन्तिम तिथि संस्था द्वारा निर्धारित किया जाएगा।

आयु सीमा

आवेदक की आयु प्रवेश के समय 14 वर्ष से कम तथा 40 वर्ष से अधिक नही होनी चाहिए।

आवेदन पत्र भरने हेतु आवश्यक निर्देश

अभ्यर्थी व्यवसायों का विकल्प भरते समय अपनी प्राथमिकता का ध्यान रखें क्योंकि उसी क्रम में चयन पर विचार होगा। अभ्यर्थी आवेदन-पत्र में अंकित समस्त प्रविष्टियाँ पूर्ण करके प्रमाणित प्रमाण पत्र की प्रतिलिपियाँ संलग्न करके अपना आवेदन-पत्र निर्धारित अवधि में जमा करेंगे।

अभ्यर्थी को चाहिये कि आवेदन-पत्र जमा करने के पूर्व यह सुनिश्चित कर लेवें कि निम्नलिखित संलग्न नत्थी कर दिये गये हैं :

  1. हाईस्कूल का अंक-पत्र (4 प्रति प्रमाणित)
  2. इंटरमिडिएट का अंक-पत्र (4 प्रति प्रमाणित)
  3. स्नातक/स्नाकोत्तर का अंक पत्र (4 प्रति प्रमाणित)
  4. पासपोर्ट साइज़ के आकार का फोटो (6 प्रति बिना प्रमाणित)
  5. जाति प्रमाण-पत्र (4 प्रति प्रमाणित)
  6. अपना नाम, पता लिखा दो लिफाफा 5-5 रू० का डाक टिकट लगा सहित।
  7. अपना नाम, पता लिखा दो पोस्ट कार्ड।

चयन प्रक्रिया

चयन प्रक्रिया प्रवेश परीक्षा/शैक्षिक योग्यता पर आधारित होगी। उक्त प्रक्रिया प्रधानाचार्य एवं भारत सरकार (श्रम मंत्रालय) के आदेशानुसार परिवर्तनीय होगी।

शारीरिक स्तर

प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु अभ्यर्थी को मानसिक तथा शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिये तथा उसमे ऐसी कोई कमी नहीं होनी चाहिये जिसके फलस्वरूप वह व्यवसाय की कार्यक्षमता को सम्पन्न न कर सके।

सुविधायेँ

  • संस्थान/केंद्र में सामान्यतया खेल-कूद और मनोरंजन की सुविधाएँ समय-समय पर उपलब्ध करायी जाती है।
  • प्रशिक्षणार्थी को पुस्तकालय से किताब लेने के लिए रू० 150/- की नगद प्रतिभूति जमा करनी होती है जिसे किसी प्रकार की देनदारी न रहने पर लौटा दिया जाता है।
  • सार्वजनिक छुट्टियों के अतिरिक्त वर्ष में प्रशिक्षार्थी को 12 दिन का आकस्मिक अवकाश दिया जा सकता है। किन्तु एक समय में दस दिन से अधिक छुट्टी स्वीकृत नहीं की जायेगी।
  • रोग अथवा चोट के कारण चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर 15 दिन का चिकित्सा अवकाश भी स्वीकार किया जा सकता है।

उपस्थिति

प्रशिक्षणार्थीयों से अपेक्षा की जाती है कि वे नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित रहें। क्योंकि परीक्षा में बैठने के लिए 80 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होती है। इससे कम उपस्थित रहने पर नाम काट दिया जाएगा तथा किसी प्रकार का देय वापस नही होगा।

सामान्य निर्देश

  • संस्थान के चयन प्रक्रिया में सम्मिलित होने से अभ्यर्थी उन सभी नियमों, प्रतिबंधों तथा उपबन्धों से आबद्ध हो जाता है जो इस विवरण पुस्तिका में विभिन्न स्थानों पर दिये गये हैं या जिन्हे समय-समय पर राज्य सरकार/प्रधानाचार्य परिवर्तन करें या नवीन नियम लागू करें।
  • यदि किसी अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत सूचना प्रवेश से पूर्व/प्रवेश के समय या भविष्य में असत्य पायी जाती है तो उस अभ्यर्थी का अभ्यर्थन/प्रवेश निरस्त कर दिया जायेगा।
  • यदि कोई अभ्यर्थी आवेदन-पत्र में अधूरी, अस्पष्ट अथवा अपूर्ण सूचना अंकित करता है तो न तो आवेदन-पत्र के साथ सूचना बाद में संलग्न की जायेगी और न संस्थान अपूर्ण/अस्पष्ट सूचना के कारण अभ्यर्थी की होने वाली हानि के लिए उत्तरदायी होगी ऐसे अपूर्ण/आवेदन-पत्र निरस्त किए जा सकते है।
  • इस विवरण पुस्तिका में दिये गये विवरण केवल अभ्यर्थी के सूचनार्थ तथा निर्देशन हेतु है किन्तु यह विवरण पुस्तिका वैधानिक प्रलेख नही है अत: इसका उपयोग वर्णित कार्य के अतिरिक्त किसी अन्य कार्य के लिए मान्य नही होगा।
  • अभ्यर्थी को चाहिये कि आवेदन-पत्र पर जमा करने/भेजने से पूर्व आवेदन-पत्र संख्या, फार्म जमा करने की तिथि माँगे गये व्यवसाय के नाम अवश्य नोट कर लें जिससे कि बाद में आवश्यकता पड़ने पर वे संदर्भ दे सकें।

परीक्षाएं

संस्था के प्रशिक्षणार्थीयों को पूर्ण प्रशिक्षण के पश्चात परीक्षाओं में बैठना होगा जो कि व्यवसायिक प्रशिक्षण उ०प्र० लखनऊ द्वारा संचालित की जाती है तथा परिषद द्वारा निर्धारित नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा तथा परिषद द्वारा परीक्षाफल घोषित होने के बाद ही परीक्षाफल तथा अंक-पत्र देय होगा।

संस्था में मासिक परीक्षाएं होती है जिसमें प्रशिक्षणार्थीयों को भाग लेना अनिवार्य होता है तथा परीक्षाओं के आधार पर एवं शैक्षिक कार्य के आधार पर उन्हे सैत्रिक अंक प्रदान किए जाते हैं जो कि उनकी फ़ाइनल परीक्षाओं की अंकतालिका में जोड़े जाते है। मासिक परीक्षा में सम्मिलित न होने पर रू० 20/- (बीस) परीक्षा दण्ड शुल्क जमा करना होगा तथा परीक्षा देना पड़ेगा।

अनुशासन

प्रशिक्षणार्थीयों को अनुशासनिक अंक भी प्रदान किए जाते हैं जो उनके वार्षिक परीक्षाओं की अंकतालिका में जोड़े जाते हैं। अत: प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को सदैव अनुशासित होना चाहिये।